माल्या के किंगफिशर ब्रांड को नहीं मिला खरीददार, बैंकों की दूसरी कोशिश नाकाम

बैंकों को किंगफिशर एयरलाइंस को दिए 9,000 करोड़ रुपए के बकाया कर्ज की वसूली करनी है।
बैंकों को किंगफिशर एयरलाइंस को दिए 9,000 करोड़ रुपए के बकाया कर्ज की वसूली करनी है।
मुंबई. विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले 17 बैंकों ने शनिवार को कंपनी के ब्रांड और ट्रेडमार्क की नीलामी की। लेकिन एक बार फिर कोई भी खरीदार नहीं मिला। बैंक ने इनकी रिजर्व प्राइस 366.70 करोड़ रुपए रखी थी। इसके पहले बैंकों की किंगफिशर हाउस को बेचने की कोशिश नाकाम रही थी। बता दें कि 9 हजार करोड़ के कर्जदार माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़कर जा चुके हैं। एयरलाइंस ने कर्ज लेते समय ट्रेडमार्क को रखा था गिरवी ...
- बैंकों की नीलामी में किंगफिशर के लोगो के अलावा 'फ्लाई द गुड टाइम्स' टैग लाइन, फ्लाइंग मॉडल्स, फनलाइनर, फ्लाई किंगफिशर, फ्लाइंग बर्ड डिवाइस को शामिल किया गया था।
- बता दें कि एयरलाइंस ने कर्ज लेते समय ट्रेडमार्क को गिरवी रखा था।
- किंगफिशर ब्रांड का ऑनलाइन ऑक्शन बैंकों के लिए एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी ने किया।
- बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस पर एसबीआई समेत 17 बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए का बकाया है।
कि‍तना है रि‍जर्व प्राइस
- नीलामी की शुरुआत सुबह 11.30 बजे हुई और एक घंटे तक जारी रही।
-ट्रेडमार्क के लि‍ए 366.70 करोड़ रुपए का रि‍जर्व प्राइस रखा गया।
- बोली इस रि‍जर्व प्राइज के 10 फीसदी के आसपास भी नहीं पहुंची।
क्या कहना है मार्केट एक्सपर्ट्स का
- मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नीलामी में खरीदार का आना मुश्किल है, क्योंकि ब्रांड की मार्केट में वैल्यु कम हो गई है।
कब किया था लोन
-विजय माल्या किंगफिशर एयरलाइन्स चलाते थे। इस कंपनी का घाटा साल-दर-साल बढ़ता रहा। वे बैंकों से कर्ज लेते रहे।
- उन पर बकाया कर्ज 9000 करोड़ रुपए तक हो गया। उनके ट्रेडमार्क सीज किए गए। लेकिन पूरी रिकवरी नहीं हो पाई।
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